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भारत-यूके मुक्त व्यापार समझौता: वार्ता तेज, आपूर्ति श्रृंखला को मजबूती

भारत-यूके आर्थिक संबंध: नई ऊंचाइयों की ओर

“भारत और यूनाइटेड किंगडम (यूके) के बीच मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर वार्ता तेजी से आगे बढ़ रही है। हाल ही में लंदन में आयोजित 13वें आर्थिक और वित्तीय संवाद में दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता दोहराई। इस बैठक की सह-अध्यक्षता भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और यूके की चांसलर ऑफ द एक्सचेकर रेचल रीव्स ने की।”

मुख्य बिंदु:

  • FTA और द्विपक्षीय निवेश संधि (BIT) पर वार्ता जारी
  • सप्लाई चेन मजबूत करने पर सहमति
  • औद्योगिक सहयोग बढ़ाने के लिए नई रणनीति

भारत-यूके FTA: क्या हैं लाभ ?

1. व्यापार और निवेश को बढ़ावा

  • भारत और यूके के बीच वस्तुओं और सेवाओं के व्यापार में वृद्धि
  • निवेशकों के लिए बेहतर अवसर

2. आपूर्ति श्रृंखला को मजबूती

  • दोनों देशों ने “भारत-ब्रिटेन रक्षा औद्योगिक रोडमैप” पर हस्ताक्षर करने पर विचार किया
  • विनिर्माण और तकनीकी क्षेत्रों में सहयोग

3. स्वच्छ ऊर्जा और डिजिटल अर्थव्यवस्था

  • हरित ऊर्जा, वित्तीय सेवाओं और क्रिएटिव उद्योगों में साझेदारी
  • यूके की तकनीकी विशेषज्ञता से भारत को लाभ

आगे की राह: क्या हैं चुनौतियां?

1. वार्ता में अड़चनें

  • कुछ व्यापारिक मुद्दों पर सहमति बनाना चुनौतीपूर्ण
  • दोनों देशों के हितों को संतुलित करना

2. वैश्विक आर्थिक स्थिति

  • मुद्रास्फीति और आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान का प्रभाव

3. नीतिगत समन्वय

  • भारत और यूके की नीतियों में तालमेल बिठाना

भविष्य की संभावनाएं

भारत और यूके के बीच FTA समझौता दोनों देशों के लिए एक व्यापारिक गेम-चेंजर साबित हो सकता है। यह न केवल आर्थिक विकास को गति देगा, बल्कि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को भी मजबूत करेगा। अगले कुछ महीनों में वार्ता के नतीजे स्पष्ट होंगे, जो भारत-यूके संबंधों को नई दिशा दे सकते हैं।


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