मोदी सरकार के 11 साल: बदलाव की गवाही देते पद्म सम्मानित भारतीय
"मोदी सरकार के 11 साल का कार्यकाल पूरा होते ही देशभर के पद्म पुरस्कार से सम्मानित व्यक्तित्वों ने अपने अनुभव साझा किए हैं। उन्होंने बताया कि पिछले एक दशक में भारत ने कई क्षेत्रों में असाधारण प्रगति की है। ये विचार किसी राजनीतिक मंच से नहीं, बल्कि उन जमीनी स्तर के नायकों की ओर से आए हैं जो असल भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं।"
शिक्षा और स्वास्थ्य में आए क्रांतिकारी बदलाव
शिशु और मातृ मृत्यु दर में कमी: हेमंत कुमार की राय
बिहार के नेफ्रोलॉजिस्ट और पद्मश्री डॉ. हेमंत कुमार ने शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में हुई क्रांति की सराहना की। उन्होंने कहा कि पहले जहां लड़कियां शिक्षा से वंचित थीं, अब वे स्कूल जाती हैं और अच्छे अंकों से पास होती हैं। उन्होंने बताया कि शिशु मृत्यु दर और मातृ मृत्यु दर में उल्लेखनीय गिरावट आई है।
“बेटियों को पढ़ने और आगे बढ़ने का प्रोत्साहन दिया गया है,” उन्होंने कहा।
नारी सशक्तिकरण और स्वच्छता में हुआ असाधारण काम
फूलबासन बाई यादव: ग्रामीण महिलाएं बनीं लखपति दीदी
छत्तीसगढ़ की सामाजिक कार्यकर्ता पद्मश्री फूलबासन बाई यादव ने कहा कि महिलाओं को स्वरोजगार और आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रेरित किया गया। उन्होंने बताया कि स्वयं सहायता समूहों ने महिलाओं को आर्थिक रूप से सक्षम बनाया है।
“हम पढ़े-लिखे नहीं हैं, फिर भी पीएम मोदी ने हम पर भरोसा किया,” यादव ने कहा।
शिल्प और GI उत्पादों को मिला वैश्विक पहचान
काशी बना GI उत्पादों का हब: डॉ. रजनीकांत
GI टैग विशेषज्ञ डॉ. रजनीकांत ने बताया कि मोदी सरकार के 11 साल में काशी 32 GI टैग वाले उत्पादों का केंद्र बन गया है। उन्होंने बनारसी साड़ी, मीनाकारी, लकड़ी के खिलौने और अन्य उत्पादों का उल्लेख करते हुए बताया कि इनसे 20 लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिला है।
“मोदी जी के नेतृत्व में ‘लोकल से ग्लोबल’ संभव हुआ,” डॉ. रजनीकांत ने कहा।
पद्म पुरस्कार अब आम लोगों की पहचान बन चुका है
डॉ. विजयालक्ष्मी देशमाने का अनुभव
ऑन्कोलॉजिस्ट सर्जन और पद्म सम्मानित डॉ. देशमाने ने बताया कि पहले ये पुरस्कार केवल खास लोगों तक सीमित थे। लेकिन अब सरकार ऐसे लोगों को चुन रही है जो गुमनाम होकर समाज में बदलाव ला रहे हैं।
“यह बदलाव मोदी जी की दूरदर्शी सोच का परिणाम है,” उन्होंने कहा।
दिव्यांगों के जीवन में आई नई रोशनी
कनुभाई टेलर: मोदी मेरे लिए भगवान जैसे हैं
कनुभाई हसमुखभाई टेलर, जो दिव्यांग बच्चों के लिए स्कूल चलाते हैं, ने बताया कि कैसे मोदी सरकार की मदद से दिव्यांग समाज को मुख्यधारा में लाया गया।
“प्रधानमंत्री ने स्कूल की जमीन दी और खुद उद्घाटन किया,” टेलर ने बताया।
स्वास्थ्य और आर्थिक कल्याण में योजनाओं का असर
डॉ. योगी ऐरन की राय
प्लास्टिक सर्जन डॉ. योगी ऐरन ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना ने देश की स्वास्थ्य प्रणाली को गरीबों तक पहुँचाया है। उन्होंने अपने निजी अनुभव साझा करते हुए बताया कि इस योजना से हजारों लोगों को राहत मिली है।
खेल और युवा सशक्तिकरण की दिशा में प्रगति
पैरा-एथलीट वेंकटेश की प्रशंसा
पद्मश्री के. वाई. वेंकटेश ने कहा कि मोदी सरकार में पैरालंपिक और एशियाई खेलों में भारत का प्रदर्शन ऐतिहासिक रहा है। उन्होंने ‘अटल बिहारी वाजपेयी खेल केंद्र’ की भी सराहना की जो पैरा-एथलीटों को सुविधाएं दे रहा है।
आदिवासी समाज को मिली राष्ट्रीय पहचान
महेश शर्मा: झाबुआ के गांधी की प्रेरणा
महेश शर्मा ने बताया कि कैसे पीएम मोदी ने आदिवासी बलिदान स्थलों को राष्ट्रीय स्मारक का दर्जा दिलवाया। मानगढ़ धाम इसका प्रमुख उदाहरण है।
भारत की सांस्कृतिक विरासत को मिला सम्मान
कालूराम बामनिया: संस्कृति के संवाहक
भजन गायक कालूराम बामनिया ने कबीर पंथ और अन्य धार्मिक परंपराओं को पुनर्जीवित करने के लिए पीएम मोदी के प्रयासों की तारीफ की। उन्होंने बताया कि कैसे देवास में संस्कृति को सम्मान मिला।
निजी अनुभव से प्रेरित: डॉ. तेजस पटेल की नजर में मोदी
गहरी समझ और तेज याददाश्त
पद्म भूषण डॉ. तेजस पटेल ने मोदी को हर विषय में गहराई से जानने वाला बताया। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की स्मरण शक्ति और हर विषय में रुचि उन्हें एक अलग नेता बनाती है।
“वह वर्षों बाद भी मरीजों का नाम और केस याद रखते हैं,” उन्होंने बताया।
देश बदल रहा है, और यह बदलाव जमीनी है
मोदी सरकार के 11 साल केवल आंकड़ों की नहीं, बल्कि जमीनी बदलाव की कहानी है। शिक्षा, स्वास्थ्य, नारी सशक्तिकरण, खेल, GI उत्पाद, संस्कृति, और दिव्यांगों के लिए की गई योजनाएं इसे प्रमाणित करती हैं। जब देश के कोने-कोने से पद्म पुरस्कार विजेता सरकार की प्रशंसा करते हैं, तो यह भरोसा बनता है कि बदलाव हो रहा है — वह भी जड़ों से।
