बैटरी ऊर्जा भंडारण से ओडिशा में स्वच्छ ऊर्जा का नया अध्याय: कनक वर्धन सिंह देव
बैटरी ऊर्जा भंडारण से ओडिशा में स्वच्छ ऊर्जा का नया अध्याय: कनक वर्धन सिंह देव
“ओडिशा के उपमुख्यमंत्री कनक वर्धन सिंह देव ने नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन और भंडारण को लेकर एक अहम बैठक की अध्यक्षता की। बैठक का मुख्य फोकस बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (BESS) और सौर ऊर्जा से चलने वाली स्ट्रीट लाइट्स पर रहा।”
नवीकरणीय ऊर्जा में बैटरी भंडारण की अहमियत
बैठक में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा के इस दौर में बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि ओडिशा के नवीकरणीय ऊर्जा प्रयासों से न केवल बिजली क्षेत्र में कार्बन उत्सर्जन कम हुआ है, बल्कि ऊर्जा तक बेहतर पहुंच, नए रोजगार, वायु प्रदूषण में कमी, स्वास्थ्य में सुधार और ग्रामीण आय में वृद्धि जैसे बड़े फायदे भी मिले हैं।
उनके अनुसार, “ओडिशा की स्वच्छ ऊर्जा क्रांति केवल उत्सर्जन घटाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समावेशी विकास और सामाजिक न्याय की दिशा में भी एक अहम कदम है।”
पायलट प्रोजेक्ट में सोलर स्ट्रीट लाइट्स
बैठक के दौरान ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव विशाल देव ने बताया कि राज्य में पायलट प्रोजेक्ट के तहत सौर ऊर्जा से संचालित स्ट्रीट लाइट्स लगाने की योजना बनाई जा रही है। इस मौके पर ‘बेसियम’ कंपनी ने बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली पर विस्तृत प्रस्तुति दी और बताया कि यह तकनीक बिजली भंडारण के साथ-साथ ऊर्जा प्रबंधन को भी बेहतर बनाएगी।
चरणबद्ध तरीके से लागू होगी योजना
मीटिंग में यह तय हुआ कि ओडिशा में बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली को चरणबद्ध रूप से लागू किया जाएगा। इससे बिजली आपूर्ति अधिक स्थिर, स्वच्छ और टिकाऊ बनेगी। साथ ही सौर स्ट्रीट लाइट्स से बिजली की बचत होगी और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा।
राज्य सरकार को विश्वास है कि यह पहल आने वाले वर्षों में ओडिशा को नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी बनाएगी और ग्रामीण व शहरी दोनों क्षेत्रों में जीवन की गुणवत्ता को सुधार देगी।
वरिष्ठ अधिकारियों की भागीदारी
इस बैठक में कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे, जिनमें ग्रिडको के प्रबंध निदेशक डॉ. सत्यप्रिया रथ, ओपीजीसी के प्रबंध निदेशक केदार रंजन पांडु, ओपीटीसीएल के प्रबंध निदेशक सईदुत्ता बिप्लब केशरी प्रधान, ऊर्जा विभाग की अतिरिक्त सचिव निवेदिता मिश्रा, नगर निगम के निदेशक अरिंदम डाकुआ और ऊर्जा विभाग, ओपीजीसी एवं ग्रिडको के अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।
