ट्रंप ले सकते हैं टैरिफ नीतियों से यू-टर्न, भारत में निवेश को सुरक्षित मान रही अमेरिकी फर्म जेफरीज
जेफरीज की भारत को लेकर राय
“अमेरिकी ब्रोकिंग फर्म जेफरीज ने अपने ग्राहकों को सलाह दी है कि भारत में बिकवाली करने के बजाय निवेश बढ़ाएं। फर्म के प्रमुख एनालिस्ट क्रिस्टोफर वुड ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों से जल्द ही यू-टर्न लिया जा सकता है।”
क्यों संभव है ट्रंप का यू-टर्न?
वुड ने कहा कि ट्रंप की टैरिफ नीतियाँ लंबे समय तक टिकाऊ नहीं हैं।
- अमेरिका के हित में यह नीतियाँ नुकसानदायक साबित होंगी।
- यदि कोई देश ट्रंप का विरोध करता है, तो उसे अंततः फायदा होता है।
- ब्रिक्स देशों के खिलाफ कठोर एक्शन उन्हें डी-डॉलराइजेशन की ओर धकेल देगा।
डी-डॉलराइजेशन का खतरा
डी-डॉलराइजेशन वह स्थिति है जब देश अंतरराष्ट्रीय व्यापार में डॉलर छोड़कर अन्य मुद्राओं या अपनी घरेलू मुद्रा का इस्तेमाल करने लगते हैं।
विश्लेषकों का मानना है कि यह स्थिति अमेरिकी अर्थव्यवस्था और वैश्विक वित्तीय व्यवस्था के लिए बड़ी चुनौती होगी।
भारत की स्थिति मजबूत क्यों?
जेफरीज ने भारत को एशिया (जापान को छोड़कर) में सबसे बेहतर दीर्घकालिक निवेश विकल्प बताया।
- भारत की संरचनात्मक स्थिति मजबूत है।
- हालांकि, उच्च वैल्यूएशन और भारी इक्विटी सप्लाई जैसी चुनौतियाँ मौजूद हैं।
- फर्म ने भारत को “मार्जिनल ओवरवेट” कैटेगरी में रखा है।
भारतीय शेयर बाजार का हाल
- वर्तमान में भारतीय बाजार एक साल की फॉरवर्ड अर्निंग के 20.2 गुना पर कारोबार कर रहे हैं।
- यह अक्टूबर 2021 के उच्चतम स्तर (22.4 गुना) से नीचे है।
- पिछले 12 महीनों में भारत ने वैश्विक उभरते बाजारों की तुलना में सबसे खराब प्रदर्शन किया है।
अमेरिका-भारत व्यापारिक तनाव
अमेरिका ने भारतीय निर्यात पर
25% टैरिफ लगाया है, जिससे दोनों देशों के संबंध प्रभावित हुए हैं।
- 27 अगस्त से अतिरिक्त 25% शुल्क लागू होने की धमकी दी गई है।
- मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधियों की नई दिल्ली यात्रा (25-29 अगस्त) को पुनर्निर्धारित किया जा सकता है।
ब्रिक्स देशों की एकजुटता
वुड ने कहा कि अमेरिकी प्रशासन की विदेश नीति में वैचारिक ढाँचे की कमी के कारण ब्रिक्स देश (ब्राजील, रूस, इंडिया, चीन, साउथ अफ्रीका) और करीब आ रहे हैं।
“विश्लेषकों का मानना है कि ट्रंप टैरिफ नीतियों का यू-टर्न लेकर अमेरिका-भारत संबंधों में सुधार कर सकते हैं। जेफरीज ने भारत में निवेश को सुरक्षित और दीर्घकालिक रूप से फायदेमंद बताया है। ऐसे में भारतीय बाजार, भले ही अल्पकालिक दबाव झेल रहे हों, लेकिन लंबी अवधि में निवेशकों के लिए अच्छे अवसर प्रदान करेंगे।”