उत्तरकाशी बादल फटने की घटना: राहत और बचाव कार्य जारी, मुख्यमंत्री धामी ने की स्थिति की निगरानी
उत्तरकाशी बादल फटने की घटना: राहत और बचाव कार्य जारी, मुख्यमंत्री धामी ने की स्थिति की निगरानी
“उत्तराखंड के उत्तरकाशी ज़िले के धराली क्षेत्र में मंगलवार को सुबह-सुबह बादल फटने से भारी तबाही मच गई। इस प्राकृतिक आपदा से स्थानीय जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। SDRF, NDRF, सेना और प्रशासन की टीमें राहत एवं बचाव कार्य में युद्धस्तर पर जुटी हैं।”
धराली क्षेत्र में फटा बादल, एक गांव बहा
जानकारी के अनुसार, हर्षिल के पास धराली इलाके में सुबह बादल फटा। इस कारण:
- एक गांव के बहने की सूचना है
- कई लोग लापता बताए जा रहे हैं
- जलस्तर अचानक बढ़ने से बाजार क्षेत्र को भी नुकसान पहुँचा
प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए पुलिस, अग्निशमन विभाग,
SDRF और सेना को तुरंत मौके पर तैनात किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जताया दुख, जारी की जानकारी
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म
X (पूर्व में ट्विटर) पर घटना की पुष्टि करते हुए कहा:
“धराली (उत्तरकाशी) क्षेत्र में बादल फटने से हुए भारी नुकसान का समाचार अत्यंत दुखद एवं पीड़ादायक है। राहत एवं बचाव कार्यों के लिए संबंधित टीमें युद्ध स्तर पर जुटी हुई हैं। वरिष्ठ अधिकारियों से लगातार संपर्क में हूं और स्थिति की गहन निगरानी की जा रही है।”
उन्होंने ईश्वर से सभी के सकुशल होने की प्रार्थना भी की।
उत्तराखंड पुलिस ने भी दी स्थिति की जानकारी
उत्तराखंड पुलिस ने भी एक्स पर जानकारी साझा करते हुए बताया:
“उत्तरकाशी के धराली, खीर गाढ़ में जलस्तर बढ़ने से मार्केट क्षेत्र में नुकसान हुआ है। पुलिस, फायर, SDRF और सेना की टीमें राहत एवं बचाव कार्य में लगी हुई हैं।”
नदी किनारे रहने वालों से किया गया सतर्कता का आग्रह
प्रशासन ने स्थानीय लोगों से नदी-नालों के किनारे न जाने, बच्चों और पशुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की है। इसके अलावा:
- कुछ स्थानों पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा रहा है
- ग्रामीण क्षेत्रों में अलर्ट जारी कर एहतियातन कदम उठाए जा रहे हैं
मौसम विभाग ने पहले ही किया था अलर्ट जारी
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (
IMD) ने
4 अगस्त को ही उत्तराखंड के कई ज़िलों के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया था। इसमें उत्तरकाशी, टिहरी, चमोली और पौड़ी गढ़वाल जैसे ज़िले शामिल थे।
IMD ने यह चेतावनी दी थी कि अत्यधिक बारिश और भूस्खलन जैसी घटनाओं की संभावना है। यह घटना उसी चेतावनी के बाद की स्थिति को दर्शाती है।
आपदा से निपटने में तत्पर रही प्रशासनिक मशीनरी
घटना के तुरंत बाद
SDRF, NDRF और भारतीय सेना की टीमें मौके पर पहुँच गईं। प्रशासन ने सभी राहत एजेंसियों को सक्रिय कर दिया है। ड्रोन और हेलिकॉप्टर से भी क्षेत्र की निगरानी की जा रही है।
- मेडिकल टीमें घटनास्थल पर तैनात
- राहत शिविरों की स्थापना
- लापता लोगों की तलाश जारी
स्थानीय लोग सदमे में, मुआवज़े की मांग
घटना के बाद धराली और आसपास के गांवों में दहशत का माहौल है। स्थानीय लोग सरकार से प्रभावित परिवारों के लिए मुआवज़े और पुनर्वास की मांग कर रहे हैं।
“उत्तरकाशी के धराली में बादल फटने की यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि पहाड़ी क्षेत्रों में जलवायु परिवर्तन और अनियंत्रित वर्षा किस तरह जीवन को प्रभावित कर रही है। सरकार और राहत एजेंसियों की तत्परता सराहनीय है, लेकिन ऐसी आपदाओं से बचाव के लिए दीर्घकालीन योजना और स्थानीय स्तर पर जागरूकता अत्यंत आवश्यक है।”